
अपराध नियंत्रण की जिम्मेवारी थानाध्यक्षों की है। बड़े आपराधिक वारदात होने पर थानाध्यक्ष पर कार्रवाई की जाएगी। तिरहुत क्षेत्र के डीआइजी अरविन्द पाण्डेय ने गुरुवार को अपराध समीक्षा बैठक में सभी एसपी एवं थानाध्यक्ष को टास्क दिया गया, जिसका पर्यवेक्षण एसपी करेंगे। थानाध्यक्षों को प्रतिदिन दो-दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी के अलावा लंबित वारंट व कुर्की का निष्पादन करना होगा। डीआईजी ने पीडि़तों को न्याय दिलाने का आदेश दिया है। थाने पर आने वाले आगंतुक को सम्मान मिलना चाहिए। जमीन से लेकर छोटे मोटे विवाद का निपटारा बिहार भक्ति सभा के माध्यम से कराने का उन्होंने निर्देश दिया। इसके लिए पंचायत व वार्ड स्तर पर 20 सदस्यीय समिति गठित करने का निर्देश दिया गया। डीआईजी ने बताया कि पन्द्रह दिनों के अंदर गठन की प्रक्रिया की जाएगी। आगामी अपराध समीक्षा बैठक में इसकी समीक्षा होगी। उन्होंने नक्सल के अलावा लंबित कांड, पासपोर्ट व थाने भवन मामले की समीक्षा की। तिरहुत क्षेत्र के विभिन्न जिलों में बढ़ी नक्सली घटना के नियंत्रण पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया है। नक्सल प्रभावित सीतामढ़ी, शिवहर में विशेष चौकसी बरतने का आदेश दिया गया है। क्षेत्र के सभी एसपी को नक्सली कार्रवाई लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। थाने से लेकर सरकारी भवनों की सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की गयी। अपराध समीक्षा बैठक में लंबित कांडों की समीक्षा की गयी है। मुजफ्फरपुर में हत्या व दहेज हत्या के 726, सीतामढ़ी में 278, वैशाली में 42, शिवहर में 20 एवं फिरौती के लिए अपहरण के मुजफ्फरपुर में 25, सीतामढ़ी में 6 एवं वैशाली में 6 कांड लंबित है। कांडों के त्वरित निष्पादन के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। डीआईजी ने बताया कि आपराधिक घटनाओें में कमी आयी है। वहीं बिहार भक्ति सभा के बाद से थाने में केस की संख्या घटी है। बैठक में मुजफ्फरपुर के सुधांशु कुमार, वैशाली के एसपी पारसनाथ , शिवहर, सीतामढ़ी एसपी अजिताभ कुमार शामिल थे।