Bihar Bhakti Andolan

Bihar Bhakti Andolan
Bihar Bhakti Andolan with the victims of Koshi Disaster in 2008

बिहार-भक्ति क्या है ?

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Sunday, December 12, 2010

New Bihar Again takes Historical Decision

श्री नीतीश कुमार की पहल पर बिहार मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि विधायक-मद के लिए आवंटित वार्षिक एक करोड़ रुपये की राशि का प्रवाधान ख़त्म किया जाय.इसके पीछे तर्क यह है कि इस एक करोड़ की आवंटित राशि के वितरण में विधायको को उस क्षेत्र के लोगों का भारी विरोध झेलना पड़ता है जिस क्षेत्र के लिए वे उस राशि से वे आवंटन नहीं दे पाते.यह भी तर्क है कि इस राशि के नियमानुसार उपयोग में सम्बंधित अधिकारी ध्यान नहीं देते और विधायको को बदनामी झेलनी पड़ती है.
             विधायको को यह बताया गया है कि वे जिला योजना समिति के सदस्य के रूप में अपने क्षेत्र के  सर्वांगीण विकास का का सारा कार्य कराने, विशिष्ट अनुशंसा करने,उसका क्रियान्वयन कराने में सक्षम होगे और उनकी अनुशंसाओं को मानना जिला विकास अधिकारियों की बाध्यता होगी.
    बिहार के आमलोगों ने इस निर्णय को पसंद किया है और इसे ऐतिहासिक निर्णय बताया ज रहा है.
इस निर्णय के बाद अब विधायको के वेतन भत्ते में सरकार को वृद्धि करनी चाहिए.यह वृद्धि नियम के अनुसार आवश्यक भी है क्योकि विधायक की स्थिति, शिष्टाचार (Protocol) की दृष्टि से, राज्य के सभी अधिकारियों से ऊपर है.राज्य के सर्वोच्च अधिकारी मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को विधायक का स्वागत अपने कार्यालय काश में खड़े होकर करना है.किन्तु दोनों के वेतन में ज़मीन-आसमान का फर्क है.जबकि राज्यव्यवस्था में वेतन के अधिक या कम होने से ही वरीयता या उच्चता का निर्धारण होता है.ऐसी स्थिति में विधायक का वेतन भत्ता मुख्यसचिव से अधिक किया जाना ही नियमानुसार उचित होगा.
             लोकहित में एक निर्णय और अपेक्षित है कि जैसे जिलाधिकारी,पुलिस अधीक्षक जैसे क्षेत्रीय अधिकारियों का आवास उनके क्षेत्र में ही होता है उसी तरह विधायक और सांसद का आवास भी उनके विधानसभा क्षेत्र और लोकसभा क्षेत्र में ही हो.जिससे वे अपने क्षेत्र में रहकर उस क्षेत्र की जनता की तरह ही जीवन यापन कर सके.इससे वे अपने क्षेत्र की समस्याओं के समाधान तथा  उस क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए और अधिक समर्पित भाव से काम कर पायेगे और ऐसा काम करना उनकी बाध्यता भी होगी.
बिहार सरकार का यह निर्णय एक ऐसा निर्णय है जिसे बिहार और सारे देश के एक एक नागरिक का समर्थन प्राप्त है.सरकारें ऐसा निर्णय कभी कभी ही कर पाती हैं.इसलिए यह निर्णय ऐतिहासिक है.


-- Bihar Bhakti Aandolan Trust

1 comment:

Er. AMOD KUMAR said...

परम आदरणीय सर , लोकतंत्र कि गरिमा बनी रहे यह तो हमारे देश के सविधान में भी वर्णित हैं ........जय हिंद !!!!!!